tag:blogger.com,1999:blog-5601339524702392220.post6314944061267208413..comments2023-03-21T06:09:30.114-07:00Comments on कहानी-कुञ्ज: स्वीकारोक्तिप्रतिभा सक्सेनाhttp://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-5601339524702392220.post-65741118834153030492012-11-15T07:22:41.266-08:002012-11-15T07:22:41.266-08:00रोचक संस्मरण ... रोचक संस्मरण ... Dr. sandhya tiwarihttps://www.blogger.com/profile/15507922940991842783noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5601339524702392220.post-82696883443691221882012-11-15T02:41:52.193-08:002012-11-15T02:41:52.193-08:00वह उम्र और वह मासूमियत..यूँ समझ समझ का फेर कभी भी ...वह उम्र और वह मासूमियत..यूँ समझ समझ का फेर कभी भी हो सकता है.<br />बहुत अच्छा लगा संस्मरण.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5601339524702392220.post-81416298452080398802012-11-14T21:07:07.454-08:002012-11-14T21:07:07.454-08:00आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार ...आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 08 - 11 -2012 को यहाँ भी है <br /><br /><a href="http://nayi-purani-halchal.blogspot.com/" rel="nofollow"> .... आज की नयी पुरानी हलचल में ....<br /> कुछ पटाखे , कुछ फुलझड़ियाँ और कुछ उदास चुप्पियाँ.. .</a><br />संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5601339524702392220.post-10912995798041355202012-11-14T20:25:05.288-08:002012-11-14T20:25:05.288-08:00न जाने कैसी-कैसी मानसिकता लिए सामने वाले देखते हैं...न जाने कैसी-कैसी मानसिकता लिए सामने वाले देखते हैं..इतना समझ पाना वाकई कठिन है..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5601339524702392220.post-20743564521235344832012-11-14T10:48:50.879-08:002012-11-14T10:48:50.879-08:00कितनी मासूमियत रही होगी आपकी सहयात्री में ... रोचक...कितनी मासूमियत रही होगी आपकी सहयात्री में ... रोचक संस्मरण ... संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5601339524702392220.post-66142424166129391552011-04-14T09:00:59.859-07:002011-04-14T09:00:59.859-07:00Pratibha jee, संस्मरण बहुत अच्छा लगा.....विशेषकर आ...Pratibha jee, संस्मरण बहुत अच्छा लगा.....विशेषकर आपकी सहयात्री जो थीं...उनका सरल व्यक्तित्व..और आपकी शैली...अंत तक रूचि बनी रही....ऐसे क्षणिक नाते भी कभी कभी कितनी राहत लेकर आते हैं किसी किसी के लिए......बशर्ते श्रोता अच्छा हो...जो रूचि भी दिखाए और समझदारी भी....बिना किसी उतावलेपन के साथ.....नहीं??<br /><br />:)<br /><br />बधाई....रोचक संस्मरण के लिए.....:)Taruhttps://www.blogger.com/profile/08735748897257922027noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5601339524702392220.post-2496904193601519292010-08-31T16:00:40.760-07:002010-08-31T16:00:40.760-07:00आदि से अन्त तक पाठक में जिज्ञासा जगाती हुई रोचक कह...आदि से अन्त तक पाठक में जिज्ञासा जगाती हुई रोचक कहानी।शकुन्तला बहादुरnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5601339524702392220.post-68259906076940815562010-08-30T20:22:42.503-07:002010-08-30T20:22:42.503-07:00अच्छी कहानी है।अच्छी कहानी है।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5601339524702392220.post-28110495796808238992010-08-30T20:14:06.724-07:002010-08-30T20:14:06.724-07:00बहुत अच्छी प्रस्तुति।
हिन्दी का प्रचार राष्ट्रीय...बहुत अच्छी प्रस्तुति। <br /><br /><a rel="nofollow">हिन्दी का प्रचार राष्ट्रीयता का प्रचार है।</a>राजभाषा हिंदीhttps://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5601339524702392220.post-6865355135828520422010-08-30T18:22:01.081-07:002010-08-30T18:22:01.081-07:00होता है ऐसा भी...जब स्लैंग का अलग अर्थ वुअक्ति नही...होता है ऐसा भी...जब स्लैंग का अलग अर्थ वुअक्ति नहीं समझ पाता और बेवकूफी भरा जबाब दे देता है..<br /><br />बढ़िया रहा संस्मरण.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com